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सरकार और कंपनियों को एफ़.पी.आई.सी. का सम्मान क्यों करना चाहिए

The देशज लोगों के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र की घोषणा (यू.एन.डी.आर.आई.पी.), निर्दिष्ट करता है कि देशज लोगों के पास अपनी भूमि, संस्कृति और संसाधनों के संबंध में स्वतंत्र, पूर्व और सूचित सहमति का अधिकार है. यह अधिकार इस संदर्भ में मुखर है कि देशज लोगों को आत्मनिर्णय का अधिकार है तथा वे ऐतिहासिक अन्याय से पीड़ित हैं. यू.एन.डी.आर.आई.पी. का निम्नलिखित प्रस्तावना पाठ इन अधिकारों के लिए संदर्भ निर्धारित करता है:

“यह बताता है कि देशज लोगों को साथ उनकी भूमि, क्षेत्रों और संसाधनों के उपनिवेशीकरण और ज़मीनों, क्षेत्रों और संसाधनों पर से बेदखली, विशेष तौर पर, स्वयं की ज़रूरतों और हितों के अनुसार विकास के उनके अधिकार से बेदखली के कारण उनके साथ ऐतिहासिक अन्याय हुआ है”…

“देशज लोगों के निहित अधिकारों का सम्मान करने और उन्हें बढ़ावा देने की तत्काल आवश्यकता को स्वीकार करता है, जो उनकी राजनीतिक, आर्थिक तथा सामाजिक संरचनाओं से और उनकी संस्कृतियों, आध्यात्मिक परंपराओं, इतिहास और दर्शन से उत्पन्न हुए हैं, विशेष रूप से भूमि, क्षेत्र और संसाधनों के लिए उनके अधिकार के संबंध मे…”

"इस बात से आश्वस्त है कि देशज समुदायों का उनके और उनकी भूमि, क्षेत्रों, और संसाधनों को प्रभावित करने वाले विकास पर नियंत्रण, उन्हें अपनी संस्थाओं, संस्कृतियों और परंपराओं को बनाए रखने और मजबूत करने तथा उनकी आकांक्षाओं और ज़रूरतों के अनुसार विकास को बढ़ावा देने के लिए उन्हे सक्षम बनाएगा....."

मानवाधिकारों को सम्मान देने हेतु नैतिक दायित्व के अलावा, एफ़.पी.आई.सी. प्रक्रियाओं के साथ शामिल होना और इसके परिणामों का सम्मान करना भी उस संघर्ष और हिंसा को कम करने तथा उसे शांतिपूर्ण बात- चीत में बदलने का एक साधन है, जिसे सरकारों और उद्योगों द्वारा ऐतिहासिक रूप से देशज लोगों पर थोपा गया है.

एफ़.पी.आई.सी. समुदायों और कंपनियों के बीच लोकतांत्रिक ढंग से निष्पक्ष बात-चीत की नींव है.

- विन्सेन्ट एक्का, कुर्क्स (उरांव) भारत के लोग; आदिवासी अध्ययन विभाग के प्रमुख भारतीय सामाजिक संस्थान, नई दिल्ली, भारत

सामुदायिक इच्छाओं की अवहेलना एक गलत व्यवसाय है. हार्वर्ड कैनेडी स्कूल में कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी पहल और ऑस्ट्रेलिया में क्वींसलैंड विश्वविद्यालय में सतत खनिज संस्थान में खनन में सामाजिक जिम्मेदारी के केंद्र द्वारा किए गए शोध में पाया गया कि विरोध के कारण देरी की काफी कीमत चुकानी पड़ सकती है. शुरुआती निष्कर्षण में देरी पर प्रति दिन लगभग $ 10,000 अमरीकी डालर, आगे बढ़े हुए निष्कर्षण में देती होने पर प्रति दिन लगभग $ 50,000 अमरीकी डालर, और संचालन बंद होने पर प्रति सप्ताह $ 20M अमरीकी डालर तक का नुक्सान उठाना पड़ सकता है. बाधित संचालन की वित्तीय कीमत के अलावा साख भी चली जाती है, जो अन्य भागीदारों लिए परियोजना से बाहर निकालने और विकास को बाधित करने का कारण बन सकता है. निवेशक मानव अधिकारों का सम्मान करने या परियोजना स्थल पर संघर्ष का प्रबंधन करने में विफलता से जुड़े वस्तुगत ख़तरों के बारे में तेजी से सचेत हो रहे हैं.